CSP, CSC और AEPS संचालक जुर्माना से कैसे बचें। पढ़े पूरा पोस्ट नहीं तो देना पड़ सकता है जुर्माना।
अगर आप एक सीएसपी (CSP-
Costemer Service Point) सीएससी (CSC- Common Service Center) या किसी बैंक का एईपीएस
(AEPS) संचालक है तो आप इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक पढ़ें नहीं तो आपको भारी भरकम नुकसान
या कहे तो जुर्माना भी देना पड़ सकता है इसलिए कि आप इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक पढ़ें
ताकि आप लोगों को समझ में आ जाएगा कि आप नुकसान से या फिर जुर्माना देने से कैसे बच
सकते हैं सारी जानकारी मैं आप लोगों को इस पोस्ट में डिटेल से बताऊंगा।
आप किसी भी बैंक का बीसी पॉइंट (BC POINT) चलाते हैं या फिर आप सीएससी के थ्रू डीजी पे (Digi Pay) यूज करते हैं या फिर आप किसी भी कंपनी का एईपीएस (AEPS) यूज करते हैं जैसे स्पाइस मनी (Spice Money) फिनो पेमेंट बैंक (Fino Payment Bank) पेनियरबाय (PayNearby) पेवर्ल्ड (PayWorld) इजीपे (Ezeepay) या और भी कोई कंपनी का यूज करते हैं तो आपको निम्न बातों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए नहीं तो आपको भारी भरकम नुकसान हो सकता है और आप जुर्माना के भागीदार भी हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें > घर बैठे आधार कार्ड में
मोबाइल नंबर अपडेट करना सीखें।
मैं आप लोगों को क्यों
ऐसा बता रहा हूं कि आपको भारी भरकम नुकसान हो सकता है या फिर जुर्माना के भागीदार हो
सकते हैं यह आपको आगे पोस्ट में पता चल जाएगा।
आप किसी भी बैंक का बीसी
प्वाइंट (BC POINT) या फिर किसी कंपनी का एईपीएस (AEPS) यूज करते हैं तो आपको या पता
होगा AEPS यानी आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (Aadhar Enable Payment System) जो की
NPCI नेशनल पेमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (National Payment Corporation of India) के आधार
पर काम करता है।
आपको यह पता होना चाहिए
NPCI नेशनल पेमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (National Payment Corporation of India) के पास
खाता धारा कस्टमर (Customer) की सारी जानकारी जैसे अकाउंट नंबर आईएफएससी कोड सीआईएफ
नंबर इत्यादि मौजूद रहते हैं, और Uidai यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Unique
Identification Authority of India) के पास कस्टमर का सारी जानकारी Aadhar card का
जैसे नाम डेट ऑफ बर्थ पता फिंगर प्रिंट और आंख की स्कैन मौजूद रहते हैं।
और जब कस्टमर किसी भी
बैंक में खाता खुलवाना है और उसके बाद कस्टमर अपने खाते के साथ आधार कार्ड को लिंक
करा लेता है तो वह कहीं भी किसी भी सीएसपी या सीएससी (CSP or CSC) पर जाकर अपने बैंक
से एईपीएस (AEPS) के माध्यम से पैसा निकलवा सकता है।
और जब तक कस्टमर का बैंक
अकाउंट के साथ आधार कार्ड लिंक नहीं होगा तब तक वह किसी भी बीसी प्वाइंट या सीएससी
(BC Point or CSC) पर एईपीएस (AEPS) के माध्यम से निकासी नहीं कर सकते हैं।
AEPS काम कैसे करता है?
जैसे मैंने आप लोगों को
बताया एनपीसीआई NPCI (National Payment Corporation of India) जहां पर कस्टमर का बैंक
की सारी जानकारी मौजूद रहते हैं और आप जब Aeps के माध्यम से कस्टमर का निकासी करते
हैं तो Npci Uidai से उस कस्टमर की सारी जानकारी लेते हैं की जो व्यक्ति फिंगरप्रिंट
लगा रहा है उसी व्यक्ति का वह खाता है अगर डिटेल सही होता है तो एनपीसीआई (NPCI) उस
कस्टमर का ट्रांजैक्शन (Transtion) को सक्सेसफुल (SuccessFull) कर देता है या प्रोसेस
कुछ सेकेंड के अंदर ही हो जाता है।
अगर डिटेल या फिंगरप्रिंट
मैच नहीं करता है तो उस कंडीशन में एनपीसीआई (NPCI) उस ट्रांजैक्शन (Transtion) को
डिक्लाइन यनि निरस्त कर देता है जिस कारण बीसी प्वाइंट संचालक या सीएससी संचालक कस्टमर
को बोलते हैं आपका फिंगर काम नहीं कर रहा है या तो आप फिंगर सही से लगाइए यह अपना फिंगरप्रिंट
अपडेट करवा लें।
यह सब कार्य इंटरनेट और सरवर पर होता है कभी-कभी नेट स्लो होने के कारण भी ट्रांजैक्शन फस जाता है और कभी-कभी सर्वर पर अत्यधिक लोड होने के कारण भी ट्रांजैक्शन फस जाता है और कभी कभी बैंक में इशू (Issue) रहने के कारण भी कुछ ट्रांजैक्शन फस जाते हैं उसी स्थिति में कभी-कभी कस्टमर के अकाउंट से पैसा कट जाते हैं और पीसी पॉइंट संचालक किया सीएससी संचालक या फिर किसी कंपनी के AEPS संचालक के वॉलेट में पैसा नहीं आता है या यह सब सरवर पर अत्यधिक लोड होने के कारण या फिर बैंक के सर्वर पर अत्यधिक लोड होने के कारण हो जाता है।
और यदि आप ग्रामीण क्षेत्र
में बीसी प्वाइंट या फिर सीएससी (BC Point or CSC) चलाते हैं तो आपको वहां पर यह समस्या
आती होगी कि कस्टमर के अकाउंट से पैसा कट जाने के बाद कस्टमर यह बात मानने को तैयार
नहीं होता है कि पैसा आपके पास नहीं गया होगा अगर कस्टमर के अकाउंट से पैसा कट गया
तो वह आपसे पैसा लेने की डिमांड करने लगता है वह कहता है कि मेरे अकाउंट से पैसा कट
गया तो आप हमें पैसा दीजिए वह यह समझने को तैयार नहीं होता है कि मेरा पैसा सर्वर यीशु
के कारण फस गया है।
ग्रामीण क्षेत्र के कस्टमर
को समझाना बहुत ही मुश्किल होता है हालांकि सर्वर इशू (Server Issue) के कारण अगर कस्टमर
का पैसा फस जाता है तो वह 7 से 10 वर्किंग दिन (Working Day) में कस्टमर के अकाउंट
में वापस हो जाता है।
इन सब असुविधा से बचने
के लिए आपको अपने दुकान या सेंटर पर एक नोटिस लगा देना चाहिए यह नोटिस में आप लोगों
को नीचे पीडीएफ (PDF) में दे दूंगा आप उसे प्रिंट आउट करके अपने बीसी प्वाइंट या दुकान
में लगा सकते हैं और कस्टमर उस नोटिस को पढ़कर समझ लेंगे ताकि आप सभी बीसी पॉइंट या
सीएससी संचालक (BC Point or CSC Operator) को कोई परेशानी नहीं होगी और अपने स्तर से
आप कस्टमर को पहले ही बता दिया कीजिए कि सर्वर इशू (Server Issue) के कारण अगर आप लोगों
का पैसा फस जाता है तो वह 7 से 10 कार्य दिवस (Working Day) में आपके अकाउंट (Account)
में वापस आ जाएगा अगर आप इस बात से सहमत हैं तो ही अपना पैसा विड्रोल करें अन्यथा आप
बैंक से विड्रोल कर सकते हैं।
Notice क्यों लगानी चाहिए
बीसी प्वाइंट या सीएससी सेंटर पर?
एनपीसीआई (NPCI) का सूचना
सभी बीसी पॉइंट या सीएससी या फिर AEPS संचालक को इसलिए लगा लेना चाहिए ताकि किसी भी
कस्टमर का विड्रोल के समय पैसा फस जाता है तो आप कस्टमर को यह बोल सकते हैं कि आप वहां
देख सकते हैं एनपीसीआई (NPCI) का नोटिस लगा हुआ है अगर आपके खाते से पैसा कट गया है
और मेरे पास नहीं आया है तो वह आपके खाते में 7 से 10 कार्य दिवस (Working Day) में
आपके अकाउंट (Account) में आ जाएगा अगर आप नोटिस नहीं लगाते हैं और कस्टमर का पैसा
फस जाता है तो उस स्थिति में कस्टमर आपके साथ जद्दोजहद या फिर आप के साथ मार पीट करने
पर भी उतारू हो जाता है।
आप नीचे दिए गए लिंक से
सूचना का पीडीएफ (PDF) डाउनलोड करके अपने शॉप या बीसी पॉइंट या सीएससी पॉइंट पर लगा
सकते हैं ताकि आपके साथ कोई कस्टंबर दुर्व्यवहार ना करें।
यह भी पढ़ें > Bihar Civil Court Stenographer, Clerk, Peon andCourt Reader Requirement 2022
Important Link -
Download Notice 1 |
|
Download Notice 2 |
|
Join Telegram Channel |
अगर आप सभी को यह आर्टिकल अच्छा लगता है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
Post a Comment
0 Comments